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शुक्रवार, 24 जुलाई 2009

अब भी "बाउंसर" व "बीमर" से डरते हैं गावस्कर !!!!


भारत के महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भले ही 1970 के दशक में वेस्टइंडीज के तूफानी गेंदबाजों को साधारण साबित किया हो लेकिन उनके पूर्व साथी रवि शास्त्री ने 'बाउंसर और बीमर' के प्रति इस लिटिल मास्टर के डर का खुलासा किया है।

शास्त्री ने मुंबई के इस बल्लेबाज के 60वें जन्मदिन के अवसर पर लिखी अपनी नई किताब 'सुनील गावस्कर: क्रिकेट का लिटिल मास्टर' में लिखा, 'ऐसा खिलाड़ी जिसने कभी विरोधी तेज गेंदबाजों के बाउंसर और बीमर की परवाह नहीं की हो, वह गावस्कर कुत्तों से काफी डरता है। वह जब भी मेरे पालतू कुत्तों 'बाउंसर और बीमर' के सामने आता है उसका पसीना छूटने लगता है।' इंग्लैंड के महान आलराउंडर इयान बाथम ने भी कुत्तों के प्रति गावस्कर के डर की पुष्टि की। उन्होंने कहा, 'एक बार वह टांटन के बाहर फोन बूथ पर गया। जैसे ही वह अंदर गया मैंने बाहर एक कुत्ता छोड़ दिया। सनी कुत्तों से इतना डर गया कि वह दो घंटे तक बूथ के अंदर रहा।'

टीम में गावस्कर के एक अन्य साथी अरूण लाल ने लेखकों के साथ खुलासा किया कि कैसे यह सफल क्रिकेटर कभी-कभी असफल होने पर गाने गाकर निराशा दूर करता था। उन्होंने खुलासा किया, 'वह असफलताओं से काफी अच्छी तरह निपटता था। वह ऐसा करने के लिए सामान्यत: गाने गाता और शावर में लंबा समय बिताता। यह शांत होने की उसकी प्रक्रिया का हिस्सा था।' लता मंगेशकर ने खुद गावस्कर की तारीफ करते हुए लिखा, 'सुनील वास्तव में बहुत अच्छा गाता है।'

सौरव गांगुली का मानना है कि गावस्कर का 'मजाकिया अंदाज' काबिले तारीफ है और जब वह आसपास होते हैं तो कोई पल उबाऊ नहीं होता। मिलिंद रेगे ने सबसे बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि सत्तर के दशक में देव आनंद की सुपरहिट फिल्म 'हरे रामा हरे कृष्णा' के गीत 'दम मारो दम' में गावस्कर भी भीड़ में शामिल हैं। उन्होंने बताया, 'कालेज में उन्हें अभिनय का बड़ा चस्का था। जब 'दम मारो दम' गाने का फिल्मांकन होना था तब देव आनंद भीड़ के दृश्य का हिस्सा बनने के लिए युवाओं को तलाशने हमारे कालेज आए थे।'

रेगे ने कहा, 'मेरा दोस्त उस शॉट के स्क्रीन टेस्ट के लिए गया था। यदि आपको चिलम हाथ में लिए किसी दृश्य में सुनील दिख जाए तो चौकिएगा नहीं।'

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हर दिल अज़ीज़ लिटिल मास्टर को हम सब का "बड़ा" सलाम ||

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