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मंगलवार, 21 जुलाई 2009

सुरक्षा जांच के लिए उतरवाए कलाम के जूते


अमेरिका भारत के साथ भले ही दोस्ती के कितने भी दावे करता हो। लेकिन हकीकत कुछ और ही नजर आती है। अपनी धरती पर तो वह दूसरे देशों के राजनयिकों एवं प्रतिष्ठित नागरिकों को सुरक्षा जांच के नाम पर असहज करता ही है, लेकिन इस बार ऐसी ही घटना को अमेरिकन एयरलाइंस कंपनी ने अंजाम दिया है , वह भी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय [आईजीआई] हवाईअड्डे पर। इसके शिकार हुए हैं देश के पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम। प्रोटोकॉल के तहत कलाम को सुरक्षा जांच से छूट मिली हुई है |

प्रोटोकोल का उल्लंघन करते हुए सुरक्षा जांच के नाम पर एयरलाइंस कर्मचारियों ने कलाम का पर्स, उनका मोबाइल ही नहीं निकलवाया। बल्कि उनके जूते तक उतरवा लिए। जानकारी के मुताबिक डा. कलाम कुछ दिन पूर्व अपनी सरकारी यात्रा में कांटीनेंटल एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या सीओ-083 से नेवार्क जा रहे थे। इस दौरान उनके साथ केंद्र सरकार के एक प्रोटोकाल अधिकारी सहित कस्टम, सीआईएसएफ, इमीग्रेशन एवं डायल के प्रोटोकाल अधिकारी भी थे। एयरोब्रिज के समीप मौजूद एयरलाइंस के अधिकारियों ने विमान में सवार होने से पूर्व डा. कलाम को सुरक्षा जांच के लिए पंक्ति में आने के लिए कहा। इस पर प्रोटोकाल अधिकारियों ने एयरलाइंस के अफसरों को डा. कलाम के कद एवं पद के बारे में बताया। बावजूद इसके उन्हें अधिकारियों ने जांच में छूट देने से इन्कार कर दिया। इसके बाद डा.कलाम ने अधिकारियों को पूर्ण सहयोग दिया और बिना शिकायत के विमान में सवार हो गए।

एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक कांटीनेंटल एयरलाइंस ने इंडियन एयरलाइंस की सब्सिडरी कंपनी एएसएल को सुरक्षा जांच की जिम्मेदारी सौंपी हुई है। जांच करने वाले दल के एक सदस्य के अनुसार डा। कलाम को देखने के बाद वह एक बार असमंजस में पड़ गए कि इनकी सुरक्षा जांच करें या नहीं। लेकिन मौके पर मौजूद एयरलाइंस के विदेशी अधिकारी ने स्पष्ट तौर पर कह दिया कि सुरक्षा जांच में किसी को रियायत नहीं है। इसके बाद नियमानुसार उनकी जांच करनी पड़ी।

विमानन कंपनी की जनसंपर्क अधिकारी अपर्णा ने 'कलाम की तलाशी' को एक 'सामान्य सुरक्षा प्रक्रिया' करार देते हुए कहा कि यहां महत्वपूर्ण और अति महत्वपूर्ण लोगों के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है। यह एक प्रक्रिया है और कंपनी इसका पालन करती है।

सूत्रों ने दावा किया कि पूर्व राष्ट्रपति को अपने शरीर की पूरी तलाशी के लिए 'समर्पण' करना पड़ा।

नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि नागरिक उड्डयन सुरक्षा निदेशालय इस मामले की जांच कर रहा है और जो कोई भी इसके लिए जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मुझे अभी अभी इस घटना की जानकारी मिली है। हमने आवश्यक कार्रवाई के लिए कहा है और हम मामले से जुड़े लोगों को माफी मांगने के लिए कहेंगे।

देखने वाली बात यह है कि जो अमेरिका अपने आम नागरिकों के हितो कि बात करते नहीं थकता वोही दुसरे देशो के नागरिकों को हर बार अपमानित क्यों करता है ? क्या दुसरे देशो के नागरिकों का कोई मान - सम्मान नहीं होता ?

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि किसी महत्वपूर्ण भारतीय व्यक्ति की हवाई अड्डे पर तलाशी ली गई हो। पिछले साल तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी की मॉस्को हवाई अड्डे पर तलाशी ली गई थी और वर्ष 2003 में उस समय के रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नाडीस को अमेरिका में ऐसी ही सुरक्षा जांच का सामना करना पड़ा था।

मज्जा तो तब आए जब मुंबई की सडको पर ओबामा के काफिले का चालान हो एक आम हवलदार के हाथो रेड लाइट क्रॉस करने के आरोप में |

भाई कानून तो कानून है चाहे आम आदमी हो या फ़िर ओबामा |

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